1 जनवरी 2025 की शुरुआत बगलामुखी पीठ में हवन कर यज्ञ देवता का आह्वान कर
वर्ष 2025 : वर्ष पर्यन्त तारों और ग्रहो की स्थिति का असर मानव-जीवन पर ही नहीं धरती पर भी पड़ता है, बगलामुखी पीठ में हवन में आहुति अर्पित कर यज्ञ देवता का आह्वान कर मंगलकारी वर्ष की कामना के साथ 1 जनवरी 2025 की शुरुआत करते हैं: चन्द्रशेखर जोशी आध्यात्मिक मार्ग दर्शक & संस्थापक अध्यक्ष बगलामुखी पीठ बंजारा वाला देहरादून Mob 9412932030
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, ग्रहों और नक्षत्रों की स्थिति का इंसान के जीवन पर गहरा असर होता है. ज्योतिष में ग्रहों के पृथ्वी के वातावरण और जीवों पर पड़ने वाले असरों का अध्ययन कर पूर्वानुमान लगाया जाता है. ज्योतिष के मुताबिक, ग्रहों और नक्षत्रों की स्थिति से व्यक्ति के स्वभाव, सोच, भावनाओं, स्वास्थ्य, करियर, और जीवन के हर क्षेत्र पर असर पड़ता है.
प्राचीन ऋषियों और वेदों के अनुसार, जब कोई व्यक्ति पर्यावरण के साथ सामंजस्य स्थापित करता है, तो वह सकारात्मक तरीके से प्रतिक्रिया देता है और व्यक्ति को उसके कार्य को सफलतापूर्वक पूरा करने में मदद करता है।
हिन्दू दैनिक पंचांग इस सौहार्द को स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और इसके उपयोग से व्यक्ति को तिथि, योग और शुभ-अशुभ समयों में ज्योतिषीय अंतर्दृष्टि प्राप्त होती है। जिससे हम सूक्ष्म संचार के आधार पर उपयुक्त समय के बारे में जान सकते हैं और अपने समय और कार्य का अधिकतम लाभ उठा सकते हैं।
मंगल ग्रह को ऊर्जा और शक्ति से जोड़ा जाता है.
चंद्रमा को मन और भावनाओं से जोड़ा जाता है.
सूर्य को राजा और चंद्रमा को रानी का दर्जा दिया जाता है.
कुंडली में बुध, चंद्रमा, गुरु, और शुक्र को शुभ ग्रहों की श्रेणी में रखा गया है.
मानव-जीवन में ग्रहो की कमजोर स्थिति होने से बीमारियां घेर लेती है, मंगल ग्रह के कमजोर होने से खून और पेट संबंधी बीमारी, पित्त, जिगर और फोड़े निकल जाते हैं जबकि शुक्र के कमजोर होने से त्वचा संबंधित परेशानियां होती हैं. – बुध के कमजोर होने से चेचक, दांत और जीभ से संबंधित रोग होते हैं. वहीं, शनि के कमजोर होने से खांसी की बीमारी और नेत्र रोग होता है.
मानव-जीवन को 9 ग्रह आगे बढ़ाते हैं और इन्हें प्रसन्न करने से जीवन में सफलता मिलती है। व्यक्ति की कुंडली में नौ ग्रह मजबूत होते हैं तो जीवन में सभी समस्याओं का हल मिल सकता है।
राहु और मंगल ग्रह की युति अथवा दोनों का समसप्तक होकर एक-दूसरे को देखना भी जातक की कुंडली में दुर्घटना से अकाल मृत्यु होने की संभावना बनाता है।
नवग्रहों की शांति वर्ष के प्रथम, दिवस से करें, नहीं होगी कोई दुर्घटना… दुर्गा दुखों का नाश करने वाली देवी है। जब उनकी पूजा आस्था, श्रद्धा से की जाती है तो उनकी नवों शक्तियां जागृत होकर नौ ग्रहों को नियंत्रित कर देती हैं। फलस्वरूप प्राणियों का कोई अनिष्ट नहीं हो पाता। इसीलिए नौ शक्तियों को जागृत करने के लिए ही महामाई की शरण में जाना चाहिए है।
चन्द्रशेखर जोशी